पृष्ठ:आलमगीर.djvu/११३

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माधमगार सार गई, फिर उसने बाराको पान देते हुए मा-सुदा हाफिज, पसी माद धन रखनी ही नही। में पारदी अमापन-से अषकसी दाय ने बेगमप पा पुमा-प्रौर चला गया। १६. दरबारे खित्तरत इस बार की तैयारियों भी बात ठाठ से की गई थी। पपि पाइने गिने सास-सासरपारीरो मुहाए गए थे। पर इस दरबार कारोबदाब निगमा ही पा। दीपाने हात, बिसय पापारा पा समूभा संगमर्मर बना मा पा और इसकी दव पर सुनाग श्रम किया गया। पर एक बार मापों पर बना दुमा पा वषा बमना भी पार से मुजी टपरी या इसमें निरन्तर भावी गती दी। मारणा एकरी पर थे। उनमे इस राव के मम पाने थे। पीर मोर उमरा को दुसाए गए पेनापतिर अपए प्रपमे-अपने स्थान पर लो। बली प्राय थारमारा शप पर बारे से मनहरी प पर पादणा के यमों में बैठा धीरे पीरे मारणार से पार पापा। बड़ी बेगम मा सिचमन में शरीफ से पी और चिलमन निष्ट दी मामती पर के पास +t wतारी रियों मोर मोगा सरदार अम्मत हापौष इव पन्त परी में पापौषम बाबा कि माश्यता होथे पर बेगम के दुम्म वामीसमरी बाप। पम्पो पर रखीन बरीषम बम हरे हुए थे और ऐतमी युए, बिनमें रेशम और बरी इरम कप, दबे हुए थे। फर