पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१२२

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रोशनमान "कोषम,"री अदा से नाम वामी यां। उसको पाने पर पाबादी ने अपने बाप दो प्पामा एप डाली। उसमें गुलाब दिया और अपार मटमर पी यई। इसके बाद उसमे प्यासा सीन पर एक तरफ दिवा, मोर पस में बनती मुपरिषद प्रर्य मोमाधि की तरफ देखती ही फरार पर उसने रखकरी । पहरेदार बीम साबिर पर निश। पारपदी ने पा- 'क्या मानवोनिर्मित इस बक भा "हुए दस्म के इम्तमार में बैठी "से मैन, योर रेस पाहे मी जैसा बहरी प्रम हो मगर माने न पाये। "मम मात्र ती मई। नर्मिस में भान यादगाही सहाम किया। थारपारी में प्रसाई नबर से ऐसार - "श्रममा श्रा वरपर " "मपानी योधिपी मिता" "बी" "यापारी "हुनर सब ठीक हो गया "उसमे पाएको हेरेको मुताविकपपाशा मधीपर पाहमादी पिन मसनद पर एक गई। पारवा व पोपट दी। इसके बाद उसने एक पासा पदारमा- $ “परमी से नवा एए "वमीमान से