पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१४

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नियम से सेना ने निकाय में रखा। मम्त में नबर मुहम्मर से जंबो गई। सपुर में पनपन यात पानि । चार मोर दुमा और एक शबमीन मी न मिली। सनावर छन् १९४८ से १२ रलिप और मुसवान पस्दार रहा। मुमतान और सिग्प के प्रावों में बसनेवासी अफगान चोर पक्षण प्रतिपा मालही मंगही और पिछड़ी हुई ची! मास जाम्प के इन सीमान्त प्रदेशवासियों को पोरगर माम मात्रको माग माधीन र म फिर भी इसमे इस प्रभाव म्यवस्थित दिया और सिम्पु मदी के निषले माग में एक नपा पदागार स्थापित किया रव पीच परगनियो से मार धीनने रोपार वहाँ मेगा गया । मारतवर्ष में परिसपीरिया से प्रानेवाले मार्ग के मुहार पर स्पिद दपिप से पाला बानेवाली या रोग्मे बामा, चार पाया मिसा, इन दो महत्वपूर्ण मागों की निगहबानी करता पाकम्बार में मागे पूरे ३५० मीर का समवल मैदान बहा गया है। और रस मैदान के पश्चिमी छोर पर Fru प्रसिद्ध मिलाया। दिप्तरे पास ही मियपरतभेषी की चाई कम होने लगती है विरु से मम्म पशि घोर पास से भारत पर माम्मद अमेवाहोको रिम्मुन्य पार परमे में कोई टिनाई नही दो पी। वि से भारत मानेपासी ही कपर रिफ्त पाने भरपवार याविना सैनिक से गुत मास रखता था। उन दिनों आता दिशी सामाग में सम्मिलित था, इसलिए मारती मुरमा सिए भार सिता सबसे प्रति महासपूर्ण और प्रत्यावर मो में ओपी मे मिना बाटा पा।