पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१४३

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मालमपीर मुगलों से कर मार खकुरा मनवान वो एघारगी की शिवाची सेवा मिला। बीरापुर पप मिमा और रिपपिचार के पार शिवाजी रे मासरे बाजा एमा | सास बर बर प्रापित शाह रितीय गण और औरतों में मस्त गाने जगा, और दपार के प्रमौर मुमतान और रामपानी पर प्रविनर बमामे गेम नापालिग मुशवान सिमर गरी पर बैठने की बीमापुर श्री दासत एण्यम बिगड़ गई और इस प्रकार में शिवामी मे पूरा माम उठाया। शिवानी ने मुगलो की ईमानदारी पर तनिक भी मिधात मही पिया । इसी से अपने पदिय में मुगल प्रदेश को इपिपाने का कोई सुप्रषसर नहीं होगा। बीमापुर पिना दबोचे पर अपना उत्पान म रसम्वा या परन्तु . प्रादिलशाही मक्षियों ने उसके साप समझौता कर लिया तो उसमे बीमापुर सताना बोर दिया । सन् १९५८ में प्रोग्राम मुगल वा कारागार बनने के लिए पथिय से पना और २४ वर्ष बाद सम् ८२ में पापत सौरा तो पर्यो उसे पूरे पतीन वर्ष पो पीठ पर ही पवीत करने परे । त परे २४ा में दधिरा में पार सूबेदागे मे शान किया। भीम मलाई निर्गवारमक रिमय हुई न युद्ध । कपुर हुए वे सफल नही हुए । पारमारा र प्रातम निकामी पोर मारामतमा प्रादमी पा । रागन में मस्त प्रम्ताएर प्रेमियों में मौय मारना उमे पता पा। उस नापति रिसरमाड़ी उ8म भी कम मेक नीलाई औरबानामारे माझा मी परवार मीनता था। बेबाना परस्पर विरोधी उदगो पर हो। प्रम्प सेनानायचे में सिम्पू नापका हिन्दू धर्म-उसारक नए मराठा पा से नामुमति मौर मेम रतते में। पीदेणारया प्रसर विद्रोह र शम्मु की श्री परवाना पिी व सिए एक नए सम्देश जापा बिकासमना भने औरणेवरपिपथना और निरन्तर सवर्ष पुराना पार