पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२०४

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दरबारे सिव चाबो माल सूदार पाहा से उसे वापस बुलाकर कर लिया गया है, और मुरम्मर ममीन- मोरइपमा प्र पेय या, से मोर पर लिया है और राम से उनमा परवाना पारी बौने पाता है। अब बादशा से न रारा गया । उदने र मावि गरम करा-ममी पारगार हमरो। उसमे उबामा प्रबरपा में परमारे लिवर भस्म दिया। मानन-फानन दरवार सब बारिश होने की। बागार परने शादी कमरे उतरीपे में बैठा बोदरिया पर पा और सेना सपा सर्पगपारण में सशाम करने पहुक्म दिया। पुमे हुए एक कमरे में हाप बोपेन । रारा पुापार व जीपेटा नीची निगारों से पाया रिसी मनसू मारने को शिशरापा। पाम् उती मातों में दवा पोर निर्यवर भाष थे। नगरी में गुस्ता मया या गमिरे में बन्द पापक्ष प्रेरको माविमापार हो रहा था। काकोरेर बनाया। प्रम में पाया मे पोमे सर से दारा दसरा-"गार मा हाम-पाल" पारा दिन मात्र से प्रा-"पहर में तीन दिन से सवाल, खाने-पीने की पी मिशनी भी पार है, जोग पर रहे। सर प्रश्नी-मानी मान जाये पो है। सामने हुणो परपी अन-देन t" "वामान व ने या समम नियमिमा गर। नोरम vिदा" र उम राश, मगर एकर पारी एसान रिमा ६, समाना बावा, मगर प्रसर उसमवा" "प्राविरवाना" ", औरंगा शैमा। वो मारणे वा मा पग।