पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२११

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मालमगीर शासामोरे पप-प्रपा एक मे। उनमें पानी नानदानी रमाय मापना ऐतो पीलिपेपर एक सेनापति प्राचीनता में जाने से कमी पार न होवे । वमी प्रपनी-अपनी पति और पेशा प्रमिमान पा वो हुमा राबपूदी सैनिका मीतरी । उपर और मुग सैनिक मी एक दूसरे रेप और पुहा से रेससे पे। हिन्दू और मुसलमान सनिने में मी मतेस न या, न मार्य चाही पोषी पर सेनापति अपोन पी। भाठिमा बसन्त कि सावता भने पाम पा~ठसके अधीन सपने नही। इन तापातो अतिरिक्त अनेक मुशमान भपित्री गुप्त रूप से पोरगजेब से मिक गए । वासकर प्रतिम को भीर उसके मापियों ने का विधानपावरमे प पूर्णही हा बलिया पा। इसलिए पत पुर भ पूरा मार राजपूत सेना की पर पाता था। सुमाग्य से मागब बसपात सिंह पम्मे सेनानायर मी न । पक्ष पर पीर बोगा । पौरगाने से विषयप पुरप से उनकी बगरीबी नही हो सकती पी। ऐसा हो नही उनी योबनाएँ दोषपूर्स पी ठगे सेना से रातन का भी प्रथा अनुमान का भोर ये एक प्रमानपील, पारपाय, असापमान और मुमिनार मेना -माया। सबसे भारी मूब रनोंने पाक पीलिपुरमूमि प्र पुनाव उप पत मी किया था। परबोर से मैशन में उगोंने पोगरवाये सेना परसिया था। उनके गुरबार न वो स्वयव पूर्व प्रपना श्रेयन विधान पे न वी गति से एम र पर माझमय ही कर सकते थे। पदी बिन इरियों ने गाया भी प्राणाय पी उसमय पर पता मो नरेसने का पर परिणाम हुमानि पुर प्रारम्म होने पर या अपनी सेना पर निरम र एक छोटे से दादी तकनबासन गया।