पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२१५

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१२८ भातमीर मारी बातों को पावरियत रोगी । र योती भाप रिया में पोहा रालंगे माग पो प्राग ठगामे ही। माप देख दी। विवेव सी जगह पर पागद भी वहाँ से पौन मील पर है। पाप पुरपार दुरमन नत्राचार मोगस पहुँच सकते 1 मार भोपाजेब मुरकी मोर समेसमा कि उप पारे भारसाहै। मुराद मेमा-"मगर मैंने दोपरियो से ती मी- उना पनारे को डोरमाना दुव मन है और हमारी पनिरक्त उनके पास गोना-चाम्स भी बहुत मारा। हम ID भागमा को बना सके गरबर मारी मेरीका पोझा र मम शेवायगा और माविमा से मी मग विसी तरह उस पार पहुँचवामी निको तोपताना तो मिली नही रोमा-तोमा रमन मार लिमही ना देया " "मही हमारे मन पषिो मेयर पोखीरा सीम को माराम ही नही "मगर में बाबान सेना पारवा "नए, शाही धोक्साना दिम सौप में, भौर पर प्राप गुलाम "और एमावत सिक" "वानिए पूरीश्रत। मेरे कम से तमाम यादी तोरसाने का पोहा-माम तिवारेवी में गा दिया गसिप तीन बार प्रपर बालापीठोपचिनोको गया श्री पौरिया पार करने की प्रेशिए परेपी, यारी मी माप पर गोहापारी परेगी, मगर पात पारिता | क्योकि मुझे मालूम हो पुष करके प्रात्ये बसबमे समाधमोवारमा बामे और हमलोगों को ग्यममा र रेनेसारी दुराम । विरिपरमा पाने पर रोवरये। मगर मयेर में पड़ी हुन