पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२२२

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परम पारस सोने से पहिले सिपाहियों ने दर प्राबाबसगाई- विघटक बोसा बा साहै। प्रपना-अपना सामान गहाण सेना। रिमे मा वो उतनपान ग सामान उसके ये अमेग सागाती से गए थे। उसमे हर गप के प्रसर भमेय अभी सगरमाही पर ऐपस लिए गए और परमया सेर चपन में बाल दिए गए । उपपके अफ्सर मे शारारिम प्रेरचना दी। हाकिम सिपाहियों एक भाषा दवा और व्यय में मा पहुँ। अभी मेरि अपमे पापी दान करने वापरही में पा पा, बिहारिम सिपाहियों ने उस समय ग्टा पर व पर तरी तीस-मार करना शुरू कर दिया। रेविर मे पाप रा-'इसोप्या मामे। "माने गोमा पदयार सामवा" पारे" "कानून है। चेपारमी बाबारित मर वारेमा माव- प्रसारमा मासिक पारगावा।" "नि त मरे हुए प्रति दो में “पापापीममै सावितो" "fe, पाय सामान पख मौरिया काही महा। मेरा "या भी काबीलामने गपित करना पोगा।" "वपिन माई, हमें अभी साथ मी स्वयम मा " "हाय परोहममेक-मुररनरी सयाth इपना पार हाकिम ना पा चला गया और विगरिकों ने उना सारा माल पठार मगराएकबोरी में मर रिसा और पाखा लगा पर उस पर सीब-सरसगा दी, और परिए । पर रेस रस्थियों से मिचोर विधिमा रहने सगे। :