पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२३

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Y मालमगीर माम बात परमार पाय तातोर पर तभया गाण। उसमा प्रत्येक सम्माप्रपामाप पर से मदा गया । इस में रेशमी दोवे गये, शितमें रेशम और बरी रमे एक । फापर र पदिया नर्म रेशमी बासीन मिले थे। बार एका मारी सीमा बापा को साल में भापी दरका हुमा पा! उहके गाये मोर बोरी की पत्तियों से मदा हुमा करारा नमा पानी में पड़ी के तीन को सम्मे को पे वोपूर से पारी मदत में मांति योग परत ये। वकीमे के भार श्री मोर हात हाहा सगा पा और मीवर महशीपम कीर पीपरासीमविर पार की गई दी। इस मेल पूरे ऐसे मात पे और उस पेला परमीमा एवं सामानित पा सोमवा श्री अमीरो सातौर पर इस प्रकार पर शुक्म दिश गया था म के साये मोर भी माय भरने स बा। उमने शाही प प्रा करने के लिए एक से एकदम अपनी- अपनी मगर स्वारे बीर मामलाही हारीमार मार और पीके श्रम के दुशानी से टकराई और जमीन समय म पानीमों से मर गई दी। सस्से-साऊस सरार पकम, हाँगीर और ग्राम में बौन पीदियों में सुख मे हीरे-मोती बमा लिए थे। बावा ने सोशल वो पारि सोगों ने नही देखा तोर बाप ही क्यावह समय वारणारे मतमोर पसारात ये। इनमें से परे मूल्य