पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२३२

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KIN सने प्रा-र बेय, तुमने अपनी मम्मी प्रमा, समे हमे मुह और शामपाको पात माद की परिसर बिगर गांवो मुँह दिखाने पोग्ब म रहोगे।" दारा' बादशाह पाठोकाईबाब नही दिवा मोर पापणा नाम फेवा अपवार पार पक्षा गया, और फूष पोल दिया। इस समय पास एक तास स्वाय पीत बार पाना, एसी मैदानी वो, निमें पाठ से वार पर पगाचा पाता था और एक पीस परमोरी पाली क्षिापती दोप मी पी। दो उमदारकी पोपची तपास सिमा साए चौहाथी, और मग र मी थे। इन में पर मामीन लिए एक-एक समार पा बिनमें दो बर्यक सगोती पानी पी। पोपटी रोबदाबी प्रहग बिन परमोशेबाली। इनके पास रेती क्यूः पी। अब में मीर मारत भी। पनिर को रसम देते थे, भयफ बोरुपए-पैसे देते सपा विकको पास पदस करते थे, वा सम्म शुत से सोय मोर, पाप, रबी, मारवारमा पहरो। १४ मई १५५० गया औष प्रापरे से पनी ही मीमोर प्रेषही शौच साठी पीगिमा कोरेसवा तीषा पर मावा पा । परन्तु यह मामय भात पीकरिती से मामही निसवा या विदागा होगी। इस मी भरप। किन मौरी मिश्री परशा मे बहुमती श्रीबी और बारामे बिना समय-समय पर अपमान किय पारेर मन में भार पाए मैये और त चमय दित से उसने देखा ऐसार पराना चाहते है। सुलेमान सिद्ध और गणव सिंह उससे घर में, को नवमप पर ही मरमते । और महायव पणन्द दि गौपुरोही बुधीबी। बोनो मरवी की गई थी उसमें कलाई, नार, हरभरे, रथ, और धारे ही प्रति किलोले न मी पिनर रेनोम मैदान। इस प्रकार पा श्रेय