पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२३६

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समान शिरसेमा पाने का असर 'मिस बार पर औरतबनै निर्वाध रूप से नदी पार कर ली। पौरपरीनामदो पार सवरमेकी कार पवेदीदार मेष से बरबसगा। इसमै परम्त सब उसे एकमेवाने प्रया दिया। रत पर रोबदार हहाहीम का मरदान मे भागे पदार निवेदन किया 'मामपनार, प्रापथरस पळ पुरमन गमने भाना सुनासिवमी विवरणबार एक यस्ता एक गुलाम रबप मेकमा अफी है। बो भोरंगजेबीसी और मेवप्पीर प्रेम मानन भन्न दबार पर देगा।" पस्चिायती नलीस को ने औरन मुंह विषमरमा-ए, या वा कुछ मही वयीन नी, इससे बाइमा और नामवरी को दूर ग्रे मिलनी चाहिए सिर्फ उस अपार को मिलेमी प्रेस मुहिम पर पापगा। इसके जमापा पोष से इस पकायापार बाबरवा प्रसार मा मी टीमही मासूम देवा । गुलाम अस्मान कि अगर ऐसा मिला गया वो को या मर गयनन उमी पायी, पपने में पराएगी" इस पर दारा व मी निर्दवन र ध और दूसरे दिन पर शादी मा मे भोरगर मुभमितेष पिा-मारी अपमय तारी की ऐना इस पार उतर जुधमी, और बादी से बमुना किनारे की प्रति पद की दी। मगर र पार भोरपना वीन मगर रस्ते मम्मेव समानारी अभीनया में एक ग्मा पोषाने गरिव नरीत पार उतर गए। उसके पार ही भर अपपानी से धोरण मी भारी समूची सेना के साथ पार उवर प्राण । यता महुत बा। गमी बेरो। पानसर और सैनिक पास से ठप रहे। पोले परम करप पर ठोबा । सिपात से खापर फाबार पारसी नर में मर मए । पर बस पार उतरमा मंडी माप निक