पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२५७

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Bry प्राहमगीर पा खत उसने अपमे दूपमाई मौरमामा को देकर प्रा-"इथे मितना बव मुमरिन हो किसी अपने सात प्रादमी के पापों औरंगा बाद ममी पाना कर दो और वाद कर दो विमिनी बस मुमपिन होना तो ठिमने पहुंचा है। मैं पावा या विमानत तुम सबसे साम्रो मगर मैं तु र नहीं र सब्या-तुम्हारी मर की मुझे और भी सस्त पtm मीरपाप सर पर सवा दुमा प्रौर सिर दिखाता दुमा सा गया। पौरखमेव कर सकी और देसवा गा-और मननी-मन पापापडापा। इस बार उसमे भोर एस तिला-मासस उत्तने मिर्धरामा बशिप्रेमिहायतमें हिसा पा- "दाय कुन बार से गया-ौर पर बसा तर मी विका दसे मोठा वा- शिव प्रसार हमारे प्रो में प्रा ममा प्रय पर ऐती देवरो सामानी से भागा पालिसपारों का एक साक्षा मी उतनप मही। उम्मीद है हम बहुत बाद उसे गिरफ्तार कर मंगे। पररव वारणा सहामवस कदर प्रवीण शिविफ पम्म बमिमान है। इसलिए अगर भाप माय मुकाविता दत हालत में रंगे वो नवीमा गारपीके और इसात कुछ न होगा। इसके सिवा- प्रवर हालत में पारा की वरपारी करमा निहायत नापानी भापक में प्रब पहली बार किहमारे पास शाबिर और मुत्तेमान शिक्ष-यो पानी गिरफ्धार हो सवा परमहमारे पुरा में पेश ₹ 11 वाजव रसाना रो उसने अपनी समरसोली और माराम पिमा । वूमय दिन निकता। एक-एक करके ममेक अमीर उमप प्राम मपुर गारमे सगे । सबसे प्रथम गारस्वर मा मे मार मारणारी और मेर पेश की। इस बार मुहम्मद अमीन बामे बोकि मीखममा पेय पा मार मोती सित। फिर और मी