पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२६

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तर तास पारी भावानों को बोरे हाकिमो, विसालारों और शाहबादा रसी मोवि पहुँच रोपे। नो पारों पर विमरपी रहा भागीराम मालीप्रसा बोबरे दरबार चाये ओर से भरे हुए पा। बिस बगर पर पावत पिदा था, उसमें पीत पाक स्तून पे, दिन पर उस धामसात की पी। पर उस दमाम बगा पर जीपी पिसमें भरती बंगला लगा था । एवरे मापे माग में गरफ्त एक श्रीमती ग्रामिपानासमा पाबो सोने के सूनो परा या। बसी अंग के बाहर एक विस्तृत मैरान या, बाँतये बाप नो पोरे एक वरण और नोटरी पूरी तरफ तो पे। इनके बाद बार बार पी सोपे को सर से पैर तक मुनहरी मतों से सने थे, पापी बादशा महामत) तसाम रमे की रस्म प्रवा परने के लिए माए गए । इसके बाद पत से परेदार सिंगही सफरोपार खो। सो पमत में एक माग दातान पा बाँ८. प्रघर के पास पाले मुस्टर सोपे। प्रभावी बाणे पार पानेवाले थे। पर मारपाश्री निगरानी मुस्तैदी से परोपे। दरबार में मारपसंचन सम्माय और म्परा थी। प्रम्प लिए बोनसीय रिमे, उनके बार में मनाये मासे थे, ये परती बंगले 2 मीवर मी मागत पे। पेसाग उत्पन्न सावधानी मै रेस रहे थे कि ऐसा काम, सिमे पारणार अपमानते,नाने पाए। पिलात निकर सुनारो ध्यरे से ठरर, यसरे बीचे और एक दोय-सा वस्तवा पोशादी समसमान ही समय क्षा पास परवत पादणार को पुत्र प्रापारा लिए पानी मार हाने श्रीममा वाणा प दिन पपम पर, और पिसे परेशम प्रश्या रगार में ने मसम्मान प्राप्त पा।