पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२६६

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भामरे में ६५ विस तमाम हैवारियों मौदह । सिमा हुम फौरन हमारे पास भासमो परमारेपारादा पदणद अपनी इस पास में मी प्रारत था । मुहम्मद मुसवान मायुवर दो पापा प्रत्यम्स एनिमान और चोर विचारकीस या। पापापाचन की विनी-गुगी बातों में नही पापा! पाको बनवाना कि हमाम मगर, और दरबारी उठाप में में र लिए। इसलिए वे बादशी बाठ में ईदम मीराइस योग्य नहीं। इसके विपार पीतमम मयुगापा, इसलिए बरस भी पर हम इसमें सोनी में पाया प्रति लोगों में इनी भया प्रम भी पीरि मुरम्मर दुबान अपने अमीन सेरा साप दे पादशाहोलेर सिपाहर शेवा और शरणारी मो इच सेना वितरबार होगई पी, एपित हो पाती और औरंगजेब पर भामर देते को सम्मब पाक मौरंगी सेना में विशोर साता मोर मोरयये भी पिवासामने बाने प्रसासनमा सम्मष हो सता पा लिबादा से जाने की मवि पाय पस भी माम्मर मुजवान को प्राव हो पाता। पात्र माग्य में पक्षियर किले में 20 तर बम विना विसापा। स्वे-वार पर बेटवर रिमुवान परामरना नहीं। उसने पर रिसा- "अम्मा बानिय मुझे दर में दाबिर होने पर मही जाग; the इन एका मोर पचनो अभिर अपनी अपनी में रम पा से माल पार करत मा-मकिये हरकी परमती के निक्षत मुरवार हो । और दिनी दी कि इसमीनान पारदो सा"