पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२७७

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मालमगीर गरा पर सिण पा । मह मही पानता था कि किसी गुप्त मन ने इसी बाते सुनी। उसने अपनी पारी योपनाएँ प्रत्यात मोपनीय रखी। परम्त गापायल से पान विण सका था। पर वह अपनी गुस प्राशा ये गा था, भागाकामे के बाहर खेप पर पान दिए कुन पापा और मप पारे मा वि रंगवा हुमा से निभा परम्त एक पाय गोशापायकोन पान सका। और धुप गर अपने बेटे मुहम्मद सुलतान को बुलवाया और साम, पारे प्रसाद अमीरों के नाप मुरारजीमें में पो और अपनी मगायोगे पोरोममे बार बार रत है। और ठाम पर मर पामो और हमारी भोर से पर नाना पेय पर उसे ममन्न करो और हमारी भोर से आई परी-गिरदावते गाती हुनर की वापरतो पोर ठन सम्मों के प्रया हो पाने श्री में है बहुरको मैगने बग में चये थे। माधिपार पागठे ए पानसीक पारा गिरफ्तारी पोशीए जपी मीबिन पर गौर करना?" पायाने पिवा का मारवविकत भी समम शिया और पर विर मुभरा गा। ६२. सुनहरा जाल उस दिन दिन पर मुगर ने शिकार में शिवाय पा मिसन माय नाव कोर पर प्रोग्रामेब मे सिसा पा। उसनप्रमिमारमा इतना ही पा- सुपरसूर पर बाप और अन मरने पानी प्रा पर मा रिपार नर के प्रति में मौरपरकीया अमिरिच पूरीची।