पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२८

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पारगार सप्तामव में पात दाम रे प्रलम्म रख लगे हुए थे। इसमें सीपरी बुधियों पोर चौबीस मोती पे। बीच बानी पदी पचन २८ रची और मूल्य २ सान सए था। सरपैर का मूल्य सब वस्तुमो के गप १२ लास पपये प्रपम दीपा, मापस बार भी उसी में बादशाह मे इसमें पालीत हमार सपे माप का एक देदीप्यमान मुहापापापा पा, पर मुच्य भरपैकी सबसे बड़ी चुपी से कुछ बोय पा। इस दरपार उपसरप में एक प्रमोरित पुन्नी बोरसी मन की पी और मूस्प में ५ साल पये की थी-पुण्यम दारा मे पारणार नबर की पी और बादशा उस सूर्य के समान देदीप्यमान बुन्नी को सरपंच में लगाहर सिंहान पर मुसोमित हुए थे। समारो रवागार का सबमे रोग बिता गमन ४५. रची भोर माया सात रुपया पा बार मी सरपंच में लगा हुमा पा। सम्राट के बाप में बा दसवीर पी उममें ५ पुग्नी पौर वीस मोती पिरोए हुए थे। प्रत्येकदा पाना पोप में एक-एक माल था। दसवीरक मुमे पपन ११ रही और मूस्य ४. बार पपे पा। समूबी माला प्र मूल्य बीत सास पपये पा। पादप पेय अस्पत गम्भीर और प्रभावशाली था। बादशारको मापु सदष्ट पप की पी। उनके सिर पोर दादी सब बाल सफर से गए पे निवाण मर्म और समवेश पी। सबसे पहिले गारमा दाग मे कामते-सामने सामने पा, गोरे पास सरार प्रादाब पापा । पिर पाले पयरे से रुपम दार मुनारे अंगरे पाम पर तीन बार नाम लिया, और पीपे रहर अपनी जगह पर बैठ गए। एमाए बार के पार बल-सा रामा म बढ़ाते गुरु से गुगल ने प्रागे पार पवा रिपा! मधेब मे आप गरे भावाय भोर एस देशर मामूप से बस पाने धीरे-