पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२९८

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1 २८१ pon पौरखने की तमन भोगपेय बपपि हाई बीव मया पा-परम् पापीही उसमन में पैर गमा। सबसे बड़ी मिया उसे बमपत सिंह भी। नवाने मागरे में पारण उत्सावार प्रागरेप्रब उसे अपदस्त चिन्ता लग गई और उसने नियरिया कि प्रागरे सोना उसके लिए भारत से यह मी श्रीमती मासूम से मया कि बसाई में एक विशेष हानि नहीं हुई है। उसी उदारता और बनामारे कारण ये सब रामा-पिन राबगंगा दोनों किनारों पर पे-उसकी सहायता के लिए सेनाएँ मेरे । उसमे या मो हुनालयमा ताराबाद में पोर बमाना चाहता है, जो गंगा पाटसप मै बंगाहपर। प्रा प्रोग्रवकी प्राणाएँ मसोम्पक्षियो पर भाषारित पी। एष उस पाबा माम्मद मुघवान और पूरा मीरजुमला । परन्तु इन दोनों से यह मप मी सावा पा। पासे मुहम्मद मुशवान मे शाहगों को दे दिया और मागरे पिते पर वियर पाई थी, उसके रोत बद गए थे और पर निरकृय और सदन हो गया पा। मीरमधा , नगरत और उद्गुमो का पोरनब प्रशंसक था। पर उसकी शक्ति से रवा या मारतवर्ष भर में पा प्रसिद्ध पाकि उसके पास गुमार पनौर पर बीट मन ही प्रलामो । पर मी म बानवे से किया पुलि, नीति और दुरि से कठिन-से-ठिन प्रम Rowat। नीति-पतु मौरसर पारवा पा लियोनी राबमानी से दूर मी है और इन दुग मी म लगे। इसलिए एक पही सेना उन ऐनों में सुपर्द र उने एमाले पीचे मेन दिखा। वित करते समय माग्नुपता से उसने कहा-"प्रयाबाद गास अव हो पोमव भाप ही कामे में ऐगी। पति प्राप पार भापत्रमेय मी इस पेवारी मुस्ताक सममा पापगा। गोरि भारी सिरमबहुत सी इनायतों के प्रवित । मगर उनमें से एक पिस पालाप पर गुम पर प्रवा पा मगे-ब,