पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३०४

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पौरखोरभनमा पम 8 दिली पार वस् वास पर बैठ र एलेभाम परमार परना गुरु इसी समय उसे सूचना मिली कि शाहजादा माम्मद मुसवान मे पिद्रपि। पर पर सब परिस्थिति रेशर पुप हो मरा रार में पा ससे वपना मिली कि फिर पापक्ष मा गमावो उखने मीर अमका मेवा कि उसे तुरन्त तिमी मेमो। मापहीन माम्मर मुसवान रिहो मेमा रिला गया। पर उसने मोती यया पारी शादी विवारियों ने उसे घेरका सा सिवा, भोर पानी पियों में बार बदती एक अम्मारी में बम मासिवर मोर सेबसे। परपर बना गया और मागे पसार ही उस मम्पु अपमे से मेरे मुहम्मद मुगवान को पामियर बिके में और पर रखने वारदा मुममम से पा-"ऐसा मही मिमी सराची पोर बुलन्द परमानी नपानाव में माई की वयोवामा और वही मुमामिला मने पेश पाए वो उतने पेय प्रापा । पार सस सस्वमत एक ऐसा नारू मुभामिहापापवाहों को अपने गए से मी इतर और बगुमानी रोवी है। पस, परमार कमी न नारि पौरस मी प्रस्मे देरी से ही सारे तया है, पर और सारगों मे मोक्षों रेखा पा। या मित पर बारपां ने वयोवानी दिवा, भोरकर भी उडी घरको URINT मुमचम मे र तरा दीनवा रिक्षा र पारीमा और पारिता प्रारी अनुमा सूर में दो मार बसवन्त सिंह हाप बना पा, उसे मोमे एकही ना एकत्र कर ली और पारा शिदो विवालियर पापरेसा भाप, में उछे ग्रा में मिस पार्वगा। पाप मे मी बारी सेना सी ची, पर याम सही न पी।