पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३०६

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त्यसलाई सैनिको सापा ममदनगर पहुँचा। वहाँ पर यानपावरा साव हो गया। दरवोपक्षामेो मी पापापा पोर प्रममेर पोर पहा । परम्त प्रबमेर पहुंचते ही उसे बहरत सिंह विमापा पता लग गया। फिर मी माउस वापतौटना संभव न पा। गा गाव हस्त थी और उस सारे में पानी की मारी कमी पी पिर विरोधी गबानो राम्प में होकर वीसवीत दिनकी बापा भरमसदित करना किलो मी हासत में दायरे लिए सम्मपम या, दित पर औरणाये पैसा या उठो शि पर था, बित पात पदिमा सेना भी। प्रवः अब बायो युबमने छोड़ दूसरा उपाय मया। परन्तु यह स्वर पापा बराबर की साईन पी। अयमेर से पार मील दक्षिण में सो पारी में प्रौरा रोमेश उसने निमर मिा। सोनों बार बिटकी और गोमा पारियों से मुगचिव और प्रबमेर भटमर नगर ठसो पोखेपा । अपनी सेना चामेशनों पारियों के बीच समतल भूमि में उसने एक रीवार या पार इतके सामने बालों और स्थानरपान पर पिया बनवाई। भने रविण रिया से न मोदी का सामना किया। पासी मा पापक में उनने पाप पर गोलाबारी गुरु पर दी। परम्नु या मार्गावरी दुर्गम ची, सगी वो भोर कमी मी उपे पानों पर ऐ वे भौरव परजों और पपियों को मौत मुंह में बसने लगे। दो माह में मी पोरंगजेब पंक्ति मेहन पर हम सब उसने सेनापठियों से बाहर नई योजना बनाई और एक मबसून रस्ते में ले शानवाब कोरे सपर बोदराय बाएँ पर में पा-यो वा समय दिया | उपर जम्मू के पहाड़ी राम राबकर पाणी निको मे गोममा पहाड़ी पर पदने भएक मत मार्ग निमा और पा राणा गुपचाप उस पानी की बोरी पर पर गय।