पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३२

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वारणार सलाम पाये गबने लगे और पापघाह व से उठे। नमो ने मापाप अलरकी। समाम दरबारी जमीन का झागए। धीरे-पीरे बादशाह महामव और दाग दोनों मास में पके गए। सर अमीर उमरा तितर-बितर से गए। भाषा परबार पर साव हुमा ५. अमीर मीरजुमला पिछले परिग्धेदों में दिख मालपूर्ण घटना का वर्णन किया गया उनसे २६ वर्ष पहिले सन् १५४. पैताल महीने में एक रानी पोगेका सोशगर गोला में पुषमादी नतम पोरवाया अपने सिर साया मा, उठी वाप एक ईपनी सरयुष नौर याचा पहारतुर, फीता और प्रदा गरसबार था। उस नाम माम्मद पर पा। या भारिस्तान के इलाका निपाठी या और इसका पप समान में देश का पारोबार करवा पा पर अपनी धम्मभूमि को दोर र दपिण मारत * मुभवानों के दरबार में माम्पपरीक्षा के लिए पला प्रापा या । पोंदी पापामु पोर धन कमान की मालामा म उसे गोलादी में रस मि दिन तापासून बार गुमशग करता गा पा बरसती बात नगर का एक प्रतिटिव पायरीगग। अपनी मिबनतारी पोर उदारवा से उसने अपने भने मिना लिए । उप मचारियों मोठगाठ र इसमे काम सरीरे। मास में उसका प दिया, बामसमर में समा बाधा और उतरे पास दुस-सा पर होगा । या पार्मिक प्रचिश भी प्रादमी पा और ममान भी। अपनी रगीलता, म्यारार, चातुर