पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३२०

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पाहीमखाना {- व दोनों पुनियाँ डीप मास में मेज दी गई कुछ दिन बाद शाम भोर पापाय मार्गमा पर उमें मपुरंगी गई। ठिपरहिवालियर में मैब रिवा मा। महिर बीवनबाबर औरत मे पुरका र विरात्रिमा -होगी में सहगो मै उसे मार गया। इस प्रभार सव रिपाट. भावी मापदायर मिट पत्र। ७४. शाही कैदखाना पाभिवर प्रर्म वा उस समर पारी रसाना बना मा - पामारी पहाटपोरी पर तीन गमेरे में बनाया। इसके पायें वरफ दय-मप मेशन पा । र-दूर मैं मैची पानी पों पर इमदादो पर पढ़ने की यस्ता या हिरोनों मार दीवारें और पर बने र पे किनमें में प्रत्येक में सिपाहो और मुस्दै गरे। पानी की या फरी पछन रूम में पी वितरे चारों ओर प्राचीन माने बैठक, बागरिया, बुर्णिया प्रादिनी की। पहारी पोय। बिहे मीवर वियव मेरा बिसरे बाजार भनेक माय बर्म नमें मिडमिा प्रभर पापरणेचे, और पैठपमान वा सुन्दर पारगाम बमे में शमान में सह और अम्प मभर पर १. ऐसे थे सोने कपूर से नजर आते हैं। इस किले में चमेडी सपनामा बावा पा, बिसी रेले बरगद की दमाम समस परको पर प्रमिता से पैसोही सारे में होरी पाने मी प्रहरी बिट गुमार पी पर साम्यम्प मर में मेथी मातोश्री।