पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३२६

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गुध माप्ति पा, मगर प्रार्थना की माप कान में भामरे वाम प्रापके पास, पापा और बरसा रसने भी सामावर पाप मुस्प पर पहुंचाने के लिए अपना एक पावरे २, निवर पार कर म मा मौर वहाँ से और देगन पायें। पबा ने उसे प्रामरना सीवार पर लिया और सुषमान पारे इष मा, बिटके मवाद गोवा से मागे हुए पोपुगीर और दो मापारा और राहये, पर परसबा नौकर रो गए थे और मौन पामगारे समुद्र पर गयो में पारा मारमेम करते थे, रेश पुरा अपनी रेमम और वीन पिस पुओं सहित उनपर सवार होने पराभान पांचा। ए मै उसी की बात भावमगव नहीं की। पर उसके लिए सर पाममा कापस एप दी। पाँ उसे 4 माह बीत गए-अपनी सासी अठमी भा गई। पर मुखा बामे सिए उसे बहाब न मिला। पुपा पार पनी कमी न पीस बना दी पारवा पा लि ठमे मारे पर बसाय मिबार । परत राबा ने उस बात पर कुछ पान नाी दिया। इसी बीच के मन में एक शिकार ससब इमा, बिनमे उतएप में प्राणाकाबार ररिया। उसरे साप पटेरे पोपीन पाए थे। कुछ ऐसे ही विरेशी या परापन में 'म, बिम यहाँ यमा मे पार गुहाम बना लिया था। उसने इन सब बदमाशों का एक संगठन किया और यह पापक रचा कि एभएक पमा मास पर माध्मयकारे उसे मारगमा बार मोर फिर और गाय में अपने मायकी परीक्षा की बार । पाल्पा रिया उत्तरे परपत्र भ पता हय गा मोर पम्प ने पास पर इमरगामे हुम्म रिसा । पापासना मिही वो माया र पेग को माय पाना पाय था। पर मार्ग दुर्गम पर्वतीय पा। पमार पारी में