पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३३

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मालमगीर बम्मबाद सेक्सी फिभरम मारमहा ने अपने प्रत्येक काम में निभित सफलता मिलती गई। शीम दी राजदरबार में उसी पहुँच हो गई और वह रेलवी-देखते हार पोशाया धम्मायाह श्री माका बाल बन गया। उसके मित्रों में उसे पारणा के सामने बाव बदा-पदा र उपस्थित विमा | अबसर पार उसने कई पदिय हामी तपा पोरोप और चीन के बने नावाब पत्रों के मूल्य पान पापणार को नबर दिए । इस प्रकार उती मविया बहुव पड़ गई, और उसे गोलकृपा प्रधान मन्त्री ना दिया गया, बिससे उसे प्राधिक मामरनी होमेमगी। उठने भपमे मो सूब मन या ममि और मारणार का दर पर पहुव विधात दगा। गमगान पोर पुर-देन दोनों ही में पूर्व योग्यता के कारण पा गोकुरवा वास्तरिक पावर बन गया । अम्त में पारणा ने उसे पाका गपना बनार मेग दिपा । पर्यो भार उसने अपनी पर प्रविन बदाई और गा गोमा के पोर्तुगीय गवर्नर रामपिलिप्त मतोनिया गाग दोस्त न गया। दोनों पापा एकतरे मूगलबान तोहफे मेब गते । गोमागबनर श्री भैर में पीन और पोप की अद्भुत बीमा करती थी। इनके बदले महनारकीसानों से निकले मापमान दीरे पोर पवारयत उसी मेरमा पा। कपराफिम होने के बाद उसमे इस सूबे के भाव से हिन्दू मन्दिर प्रोर सबानो ने सूर र भटूर बन संप्रा पर निपा पा फिर माय और रयोग की जूली से उसेनापीरेश्रीमासान मौ मिल गई थी। कर्नाटक के गबनर होने के बाद उठने वाह गोलाकी कोम प्रहापा पर अपनी चार प्रेम मरवो पर बी पो, चिसमें उत्तम पीभ तोपताना पोर्तुगीज तोपनियों और अफसरों से बाप में पा, चिपके पर प्रधा नियामेवाब उन दिनों भारत मर में नहीं था।