पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३३४

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निगमती इस बीच सीमानों पर निरन्तर भुर हो । अपमानितान से बुर हो या पा। मीरजुमला मिार और माताम में स्वा, मन में उप प्रमाधि हासिल हुई और अपपुनउत्तरी घर से सचिम नदी पदिस वर पमिम माग भागम प्रदेश मुपा ताम्राम में मिहा लिया गया । पर मीरमहा मालिरी पठायो। सो मार मार्म १५७पा मान राब नीतिश पेनापति मर गया। मीरममा समान उ6 गुण में एसप सेनानाया गपुरम समाह गम में न बा, बिसने ठिनाइयों पर टिमा भानवे इए प्रपना अनुशासन प्रयम रखा। महोत मम प्रमाक्षिक- और बंगाल से पनी प्रदेश का मोधर होते हुए भी मृत्यु समय सामाप सैनिकी उप पुर की भठिनाइयों को उठाया और कठिन सिमराका सा उठादेश बोको होते और पर गरेर बागवा पा । एस एम्ब में माता प्रोजेर निर्माण मीमाता में इस प्रभर निरन्तर पच्ची पप साल से घर भामरे अन्तिम दोर र डर मारव पार्दस्त संपर्ष और सपनोभरा। पोरन । सामान और इस्लाम के अतिरिकसिमी मोधर्मपा बाति के प्रति पारख कर जा पा पार सममवापा। उसमे अपने राज्य में सम्म प्रविरिक प्रम पर्मापसमिरे सप राम्नतिक प्रशिभरों से देखत परम प्रारम्म कर दिया। इन प्रमिप्रार पापा कमी प्रम मामी किसी भी मुस्लिम रमापरिक मी रो सन्ता। स्थाम पम पमुसार प्रत्येक मुस्लिम शासकहरामप्रतिनिधि इता है, किस मपान टोप बाम में देवाना है। उसे बिहार पाने ,सप्र मतहरमा हिमा पवित्र मारमात ते पार कर उन सब प्रामियों को कईयर बप और पवार