पृष्ठ:आलमगीर.djvu/६४

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महाम्जामाप यादी सपारी के दो लास परे होते थे, उनोसा, पदमा पान रेलर में मिन-भिन्न नाम दिए बापे। तारपी, पारसी गानस्ल के होते थे। उसो से दाग दिया बावा पा। थियार व्यासदन मनाई और विमत पर थे। तार और परमासन और और मिलाबर ऐरी दी जाती थी। यामा पापन पध कर हमें मक्सन, मिर्ष, पीय, कोर और पान मिनार तिहागा माता पा, बिससे उनमें से और तारिज होती। बस बादारसी बाई पर सवारी करना पाहता पाहो साईजका दामा बगेर धीन रस्य उस पर पारी परवा पा, पितसे उसकी बात ठोरहा बाप भोर पर हाथाप । नाणार प्रपम एक पय सपने रयों पर सपारी रखा था, फिर पी पर, हर मोरे पर रेपो वाप- बादि की प्रापराबों पर बिकते न थे। इसी उरें शिक्षा दी माती पी। बादशाररबार रहे थे तो यह नियम पा किनार बासे पार बसे खाये गुमशमान पे निकर मार से पे। पर नियम देवर के समर मे मा और परसर बरनी शादमारे पर बो भादमी पर प्रसमा था, तो भरने तासे पाहों में से 45 पासा उसे ऐवा पा, रिसोडाय २. बा. पार और हाते थे। पारा तान समारी में १..बोनो पे पापी थे, इनर नाम मी पापापे को पारणा ने उनके रूप गुपो में देनार रगे पेन धेि मी तोर- नए, पसता पारियो भार से माना मित्तापाता | पाको शेरपी वा रिभर ना सिमापाता I में उसे मस्त रमेरे लिए एगव सितारे बाठो भी शादी माल मोमे पाते दोटे पारस पर एet पारेपापसापा। इन राधियों में एनसीप रोडा पा ar गहो या पापाबाम्यादसामम पावावा उन पर नागे मुल पो हावी हो वा उमो मारम्प पीने और उसोसायोजनमेये पार पदरा मोटे