पृष्ठ:आलमगीर.djvu/७०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

मामगार समरे में हर भिी माना निपिर पर सामान प्यासी इममें भा पाते थे, और यह मापदपार प्रेमान साम परेवियाको मुसाप्रत के लिए बनाया गया पा। मरे क पार दोनो वातावॉरियों नगी तलवार राप में लिए, सार-पमान पीट पर कमे, गन-दिन पहरा देतो पी। इन सब प्रकार एक बराबर पाबासरा पा लिमा नाम प्रमात पा रही मरे मीतरी मेदानानपार पा। इस मोके पानों पर पार मोठरियाबी दिनमें भार प्रधान पारियों एवी पी। ये नाम बोगी-इन उन और नाम नाम में में प्रदान पन मिलता पान नाम चारों दिशा के नाम पर निपत ये और नरसिम्म मायरो रानागार र मीवरी पर या! म पड़ी मुन्दरी श्री पोर पो गठ-राट में वीपी। इनमें सरदार भी उम माम पुणेद बान पा । पर बादी बड़ी पपत, नोग्यान, घोर पाया कत्ती पी। दरबार से सोरकर बादासांप अपने उसी कमरे में प्रार निरासत मुनायम गरेसरकोप पर मवन मारे गए। रव ममए उनका रित प्रथम भा, और मॉल पमापी मी, पेहरे पर निम्बर पाई समेगती रदीन समय न पी। प्रबास ने मायासोदते पोर पासवर सारखा पाप, सुदाम, पगम बार मसी बड़ी देर राममोसो लिए टीम में मुगल बा - गुरो भयो और गिलान लोग भो । साम पर मे पाय, पार इष देर में गुरें। पीरे कमरे में पाई। उस पीपेदादि योर दी। पाप में शोयीप्रगिलाड प्रो दूसरे के प में पाक पानदान था। उसने मिनाह माया भाममे पेग रिपा।