पृष्ठ:आलमगीर.djvu/७१

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बाबमगीर गराम पावे-पीने वारणा नेपा-'माबराया है, बान्, पार पगम र प्रक्षी यो प्राई।" 'इबर, ये मात दी बदामास है मैंने इवना धमनपा मगर ये रोसीदीबासी हैं। मादशाह की पारी में बल पर मप, उमोंने मा- मेष है और स्थान रहकिमीतर कोई माने न पाए।" प्रादान मार मुद चली गई। कप ही देर में बेगप कर अली ने प्राचीी माँति कमरे प्रमेरा पिा । प्रापपरेका पिना रिचार पिए ही उसने मारणा के सामने बारा-हुए, मेंबर होगा, मुझे पाए-मेरी इमत पाइए, परना मेरी मान पलीचाएगी सम्पयार हो गए। नोंमे बेगम पाप अपने आप में लेबर सधीरे स्वर में था-"प्यारी बेगम, पुवामा पास पर परीशान से पलाता हा पो हो।" "इए, मेरे साबि छ मासूम हो गया है और ये वो मुझे मार गगाहाकरेगे " फ्नी ममारा नहीं होती, गुस्से से बाहर से बारणार ने बारिम, "मैं अभी उसे कोप से रसाने भ म देता है। उम्पोने पस्तक देने को पार सठामा । बेगम मे सपा का पारगार के प धूमते रm-मी नहीं, पापभाद, यम कीथिएमुमे का न बनाए । एक ऐसा पापिन्दोलिती भी औरत के पस का बात होता, गुज नेक, कलेर और मर्द , पर मुझे काम से बाबा पार करता है में बेगम पादण पर गिर र पप-फा करनेगी। भारणार ममी मी गुस्ता मा हा पा, रमोने मा'मगर