पृष्ठ:आलमगीर.djvu/८०

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पिता, पुत्री और पुष है। सिर्फ तुपा हाती से लगाए बैठा। तुम कितने सापक, मोपदार, बान, हिम्मar, भापित हो र देखकर मेरी छाती फत उठवी, फिर भी तुम मुझ पर ऐती दमव सगाते कि बाप पर नहीनयानी चाहिए। फिर इस सिया मेरे बेटे । अभी 15 मैं ही वापसा है।" पा र बादशाह इषरेर पुरठे थे। उनके होठ 5 ऐ थे, और दिन में भार उठ रहा था। बेगम और रारा उपपार सिर नीचा नमुनो। पारया ने फिर कहना शुररिया- "मदार से नौगम्ये पे-तब अगारी पवनशीन मेर माँ मे, जी Fera Hो सिदमत में सिदमीमर नही मन साता- Aमो में मेरी गोद में बैठा कर मरते मरठ कार मुमम पहा पा-टीनो दुनिया के बारशर! मेरे मालिका मेरे पामे। मम म बाना सपेरा मैंने हमे दिया है, मागासी से इस मने पनि न्यारे होठों से उनके होठ है। इसे मैंने अपना लेग दिला है। पामार्ग प्रसती वतीर है, इसे उप अपने पारगार नाना पर मामय पानवारी में रहे मेरा भोर तपमा नाम रोशन करेगा।" "श में मेरे दामों में मर मर गई। मोर मैने वर्ग उठाकर पासी समातिरा। और इरान सम कार उच्च शिकायत नेड बीबी की रेस पेमानी र मने बादा RT पार पहो मेरा मेग्र वासनबारित होया भोर मेटे, 30 साव को पार पाtaar गए, पर शव पूरी करने गिरा में है मोहोर ईमा" पायापान ने सनी और उनी भागों में पाएमा मार। प्रागे मदेशमा