पृष्ठ:आलमगीर.djvu/८१

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प्रासमयीर दारा ने मुकर बादशाह के दम,पुमे, फिर उन पहा पालो से लगा लिया । बापयार ने बोरे बरपेहदाय के सि पर हाप फेरते हुए पा-"मेरे बारे पर, अपम अपने सादगार और पुढे पापी मारियों पर ऐसी सी नबर रमते ! पर सामने देखो, मुना के किनारे ताब बड़ा चाँदनी में किसी प्रेम्वमा पर सादाबानते हो विसी इम्तमारी पर रहा। इसी बदनसीब तुम्हारे पापी। उन परपनीचे मेरी सबसे पाये थीम माफर रती है। बस में वर्षों पहुंच कर पायम न पई-मेरे मो, तुम लोग मेगकमबोरियों भरगुबर करते हो और मुस्तैदी से सस्तनको समानो । मुरा हमे सुखरूपरे।" इवना पर बाणार पर से गए। रेमनर पर दर गए । रारा मोर मारा गुस्सा पाहो गया था। पुरषाप नीरा सिर लिए प्रमी रहे । कमरे में समाय पा । पाप मे सिर उठाकर पीने सर में मा- "पनाकामादिम को क्या दुस्म। मुझे येस्मागा बसरोभरमममा माऊँगा।" पारया मेभाना प्रारम्भ रिमा-"मीरखुमला मे दन-प्रता बातमीपा मेरे च गई। मेरे, राम भी गौर करोगे वो समझ पाप्रोमे । दुभाग और कानुन बर चौर पपर्यती बगर, नसार और गरीब रिमापा, सपा-सास और उसीफरे रावा, हमारी मुरिलो पदावा । बार श्री फतह से हम फापना भी नहीं उठा सरते, पोग पर बोस होगा पर भी न बक्ष पर सगे-सा प्रबका है। इसके निरस्त रन मुलहिन्दुस्तान यदी एक हिस्सा है। बाहर हो माग प्रमतरामद नही हो पाताम सही मानों में सारे हिम्द ही पता सकते। महावा यहाँ समन्दर के किनारे पीन, बापान, दोष और प्रपरेमापार से