पृष्ठ:आलमगीर.djvu/८६

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बेगम की सवारी ची, उस पर हाग्रे धोये वोपे नदी हुई मो, विनय मरारी मोर पा। नदी पार कर किले की समोर गहरी साई पी बोमुमारे पानी से भरी हुई थी। इस सूब ममतपे और पावर बने पे । साई बा में महतो बहुत पी। बाई के पास ही गाना बाग पा, विसमें मावि-माँ विरेत्त लगे थे। रिमो नाती मुहर इमारव मागे मुणमिव या माग पर्व थोमा तिम्वार परवा शारेखमने एस शादी पौर पा बिन एक भार किले का मापा। नये मोर यारो बाईननोवामार मार समान होते थे। रिले पर बागवा, सारे पोर प्रमीर पग पोरी रेते पे, उनोगेसम्म् लेमे इसी मेगन में लगे हुए थे। नभ हग रेक किन बाहरी मिरे भीतर उमा और मनमा पारा होता था। इतरे सामम हो याही प्राप्त पा, मिरे भने पास पोई मैदान में फिगर वाघे, मी मेधन के सामने दी सनिकर तपती पी, किम अमेसिम्पू और मुसलमान पकिरी, नमी प्रपनी मपनी रिलाय तोले और पुर में अपनी मनी रावग्यो गिदार हेपे। प्रो मित्र और रमन नेपासे उनके सामने पोते थे। बहुत-नो मूर्मा विर्य सिर में देर र पुर्व मोरे या बाद में प्रेसरे, उनो निसनो पा मोर पेनाप-रमबीमावि न पाय मापते पा उगवियोभीपा पर गिनते। उन मरिम्प बार पेम गरे पे। मोमो में एक रोगना पाचुंगीब सी शान्य मुदा में असीन विधाए बैठा पा, सोपान पुगों को मारी मीर नयी कोपर मास्तर में या गोरा पूर्व मिस पद पा मोर उसके पास एक पुराना नाम पियाका या पोर र यन पोतिबा माया पुस्ता पी। गोरखमोनान से प्रयाश-"योपेर में ऐसे होते विर"