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नवयौवना
[ ३२७ 1
पंड पंडा चाली फिरि ओरनि ऊँचकै भौहनि मीस उचाये
नेन डरै पिडरै फिरि अापन फानन फोर दरीन दुगये
'यालमा आनि गहो पहिले मन ठौरहि ठौर को भेदु यताये
राजु फियो तन की नगरी मुगुधाई गयो श्रय जोपन श्राये
. [ .३२८ ]
मोर भयो जो सरीस बिपे निकसी सरकार हुती लरिफाई
होगह ठौर भई कक्षु और जु अंग प्रांग, फिरी है दुहाई
श्रार गये अवताली दोऊ कुच छाप लये सिर स्याम मुहाई
'बालम लाल गुपाल को सौं सिरदार भई तनमें तमनाई
. [ ३२६ ]
पैस फिरे पलटो फल फंड लकै फटि फेला पोलनि पाई
चाहनि नैनि चाह रहै चमक चख श्री भुजमूल . फलाई
रूप दसा सव त्यौही भई तन जोयन को छवि यो भार आई
पादिर दर्पन ज्यो दरसे झलकै छवि छाँहर में जिमि झाँई
र-मुगुमाई - ल ३-ग्रनामा ( दालो ) प्रद
पदा कर देनेरला हाफिन । ३--फैल पोलार, विस्तार (विरम)
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