पृष्ठ:आलम-केलि.djvu/८९

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बालम कैलिन योलो ताहि सौ हो सौहें जोरै कौन भौहें ऐसे, पाय परो"वाके जापाय पर चारे हौ। प्यारी कही ताही सो.जु रावरे सो प्यारो कहै, आजु कालिरावरे परोसिनि के प्यारे हो ॥१७०० के रहेंगी रोस धैजुकौहर सी फोवरी है. . ऐसो कोरा छाडि कत भोराभोर पाये हो । 'सेख निसि जागे के निमेष- आवे लागे, जिहिं राग अनुरागे ऐसी भाँति ताहि भाये हो । पाथिलियो जानि पहिचानि ही सुनाही जनु, ' हा हा छलु छाँडो पिय पाद परों पाये हो । लटकि लटकि लटकन : भय हिये लागि.: । लटू फहूँ और मोसोलाट पाट लाये हो ॥१७॥ लाये सीरी देह इत: चिकने' सनेह चित, पानी कैसी दि. ऐन : धैन ठहरात ' हो। ..ालमा अन्यारे नैना फाह के अनंग आनि, रोप धरे मैननि लखे न नैन जात हौ। लोमी. रस. खच्छ ऐसें दच्छन के वंचिये जू. . ' : लच्छन ,.सदोष लाये :आये. श्ररसात हो। डोले डोले। योलो पन जी परते डोलति है, . . 1. पी पर तिया ते भये पीपर के पाते हो ॥१७॥ '...दौली ढीली डंग भरी ढोलो पाग.ढरि रही,.. ढरे से परत ऐसे फोन पर , ढहे हो।