पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/१००

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४७ माडोका युद्ध ६५॥ सुमिरिक अंगद बाली वालो करिया चलासमरको जाय४८ आगे हलका है हाथिन का बलका जिनके नाहि ठिकान ।। पहिया टुरके उन तोपन के तड़कतिअवै सिंदुरियाबान ४६ पछे रिसाला घोड़न वाला आला चला समरको जाय ।। खर खर खर खर कै रथ दौर चह चह रही धुरी चिल्लाय ५० छाय अँधेरिया गै मारग में बंजर खेत भुहा लैजायँ । लक्ष पताका यकमिल वैगे नभ माँ गई लालरी छाय ५१ . ऐसी फौज मलखाने की वैसी माड़ो का सरदार ॥ संडि लपेटा हाथी भिडिगे अंकुशभिड़े महौतन क्यार ५२ होदा होदा यकमिल ढगे ऊंटन भिडिगै ऊंट कतार । भाला छूटे असवारनके पैदर चलनलागि तलवार ५३ इंडि लपेटे जंजीरन को हाथी रणमाँ रहे घुमाय ॥ मस्तक गजके गज हनिमारे अद्भुत समर कहानाजाय ५४ क्षत्री गजें गज हौदन ते जो सुनि गर्भपात द्वैजायँ । कवधालपकनिविजुलीचमकनि कहुँ कहुँ परें खड्गके घाय५५ मर मर मर मर ढाल बाले गोली सन्न सन्न सन्नायँ ।। खट खट खट खट तेगा बालें लपलपलपकिलपकिरहिजायँ ५६ झम्झमझम्झम् झीलमबोलें नीलम रंग परें दिखराय ॥ धम् धम् धम् धम् बजै नगारा मारा मारा परै सुनाय ५७ झलझल्झलझल छूरीझलक चमचम्चमकिचमकिरहिजाय।। चल बल बल बल क्षत्री वलकै हब हब हवकिहबकिकैखायँ५८ घर धर् धर् धर् क्षत्री दौरे सर सर तीर चलावत जायँ ॥ फर फर फर फर घोड़ा दौड़ें हिनहिन हिन्न हिन्न हिन्नाय ५९ टिटु टिद टिद टिद टिदुई हांके टिल टिल् टिल्लटिल्ल चलिजाय।।