करो तिलाञ्जलि तिनपुत्रनको तुम्हरे हाथँ होयँ उद्धार ८
इतना कहतै भइ माहिल के रुपना अटा बराबरि आय॥
मूड़ देखिकै त्यहि करिया का राजा गिरा पछाराखाय ९
हाथ जोरिकै रुपना बोला ओ महरजा रजापरिमाल॥
मूड़ लयआये हम करिया को माड़ो कुशल तुम्हारे बाल १०
जैसे पियासा जलको पावै सूखत परै धान में वारि॥
रुपना बारी की बातैं सुनि तैसे खुशीभये नर नारि ११
हल्ला सुनिकै नर नारिन सों मल्हना रुपना लीन बुलाय॥
बिदा मांगिकै माहिल चलिभे उरई तुरत पहूँचे जाय १२
मल्हना पूंछै तब रुपना ते बेटन हाल देउ बतलाय॥
बदी सुनायो सब लड़िकनकै माहिल जौन हमारो भाय १३
सुनिकै बातैं ये मल्हना की रुपना बोला शीशनवाय॥
बेटा अनूपी टोंडर सूरज करिया सहित चारिहू भाय १४
चारो लड़िका नृपजम्बा के बबुरीवन माँ गये नशाय॥
खबरि तुम्हारी म्बहिं लेवे को पठयो बेगि उदयसिंहराय १५
हम चलि जावैं अब बबुरीवन हमको हुकुमदेव फर्माय॥
कुशल तुम्हारी बिनपायेते ब्याकुल रहैं चारिहू भाय १६
सुनिकै बातैं ये रुपना की मल्हना हुकुम दीन फर्माय॥
करो बियारी तुम महलन में माड़ो फेरि पहूँचो जाय १७
सुनिकै बातैं ये मल्हना की रुपना जेयँ लीन ज्यँवनार॥
सजा बछेड़ा तहँ ठाढ़ो थो रुपना फाँदि भयो असवार १८
सत्रहदिनकै मैजलि करिकै माड़ो फेरि पहूँचा जाय॥
कही खबरिया सबमोहबेकी जहँ पर बैठ बनाफरराय १९
पाँचो मिलिकै सम्मत कीन्ह्यो यह फिरि ठीकलीन ठहराव॥
पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/१०९
दिखावट
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
५६
आल्हलण्ड। १०४
