पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/२२०

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प्रझाका विवाह । २१५ बातें सुनिक मलखाने की रुपना हाथजोरि शिरनाय ४७ उत्तर दीन्यो मलखाने को मानो कही बनाफरराय ॥ नैनागढ़ मुन्नागढ़ नाही ह्याँपर बसै पिथौराराय ४८ लौटब मुशकिल है दिल्ली ते पिरथी मूड़ लेइ कटवाय ।। - औरो बारी हैं मोहवे के तिनका आप देय पठवाय ४६ बाते सुनिकै ये रुपना- की बोले उदयसिंह सरदार ।। तेहा सखो रजपूती का बाँधो सदा ढाल तलवार ५० जीन गोसइयाँ पैदा कीन्यो सोई सदा सोई सदा बवावनहार॥ वात सुनिकै उदयसिंह की रूपन बोला बचन उदार १ घोड़ा पावें हरनागर को औ मलखे कि ढाल तलवार ।। ऐपनवारी हम ले जावें लावें नहीं नेकहू वार ५२ सुनिकै बातें ये रूपन की मलखे दीन ढाल तलवार ।। ऐपनवारी रूपन हरनागर पर भयो सवार ५३ माथनायकै सव क्षत्रिन को तुरते कूच दीन करवाय ॥ पिरथी केरे फिर फाटकपर रूपन तुरत पहूंचा जाय ५४ तव ल्यलकारा दरवानी ने बारी बड़ो। के असवार ।। कहाँते आयो भी कहँ जैत ताहर समरध रावरे क्यार ५५ सुनिक बातें द्वारपालजादे रूपन पास चन ततकाल । अई बराते हैं मोहन के.... फारकपार निकाजापरिमाल ५६ व्याहन आये हैं ब्रह्माको रूपनवारी नाम हमार ।। ऐपनवारी हम लाये हैं चहिये नेगम्बार अबदार ५७ सुनिक बातें ये रूपन की बोला द्वारपाल त्यहिबार.॥ .।। नेगु तुम्हारो का द्वारे का बोलो घोड़े के असवार ५८ सुनिक चातें 'दारपालकी रूपन कहा वचन ललकार।।