पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/२३४

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ब्रह्माका विवाह । २२७ बाजे डंका अहतंका के तम्बुन फेरि पहूंचे आय १८६ पिस्थी पहुंचे राजमहल को सबियाँ झगड़ा गयो पटाय ।। खेत छूटि गा दिननायक सों झंडागड़ा निशाको आय१६० करों बन्दना पितु अपने की जिन वल भयोतरंगकोअन्त ।। राम रमा मिलि दर्शन देखें इच्छा यही भवानीकन्त १६१ इति श्रीलखनऊनिवासि (सीआईई) मुंशी नवलकिशोरात्मजवावप्रयागना- रायणजीकीआज्ञानुसारउन्नामप्रदेशान्तर्गतपॅडरीकलांनिवासिमिश्र वंशोद्भववुधकृपाशशरसूनुपण्डितललिताप्रसादकृतब्रह्मादारचार वर्णनोनामद्वितीयस्तरंगः ॥ २ ॥