हाटक निकटै म्बरे द्वारे के सीधा घास लिह्यो मँगवाय ६७
सुनिकै बातैं त्यहि माली के ऊदन कूच दीन करवाय॥
द्वारे पहुंचे फिरि माली के मेखै तहाँ दीन गड़वाय ६८
मांगिकै पलँगा माली लायो द्वारे तुरत दीन डरवाय॥
गद्दा परिगा मखमलवाला आला बैठ बनाफरराय ६९
माली चलिभा फुलवगियाका मालिनि द्वार पहूँची आय॥
मालिनि बोली उदयसिंह ते ठाकुर हाल देउ बतलाय ७०
कहाँ ते आये औ कहँ जैहौ तुम्हरो काह नाम है भाय॥
बातैं सुनिकै ये मालिनि की बोले तुरत बनाफरराय ७१
नाम हमारो उदयसिंह है हमरो देश मोहोबा जान॥
छोटे भैया हम आल्हा के साँचे बचन हमारे मान ७२
सुनिकै बातैं ये ऊदन की मालिनि फेरि कहा शिरनाय॥
आल्हा बेहे कौन शहर में साँची साँची देउ बताय ७३
सुनिकै बातैं ये मालिनि की बोला उदयसिंह सरदार॥
भैया ब्याहे नैनागढ़ माँ सुनवाँभौजी आय हमार ७४
बड़ी खुशाली भै मालिनिके बोली हाथ जोरि शिरनाय॥
हमहूँ सुनवाॅ साथै खेलीं हिरिया नाम हमारो भाय ७५
मैको हमरो है नैनागढ़ सुनवाँ बहिनी लगै हमारि॥
चलिकै बैठो म्बरे मन्दिर में देवर सेवा करों तुम्हारि ७६
बातैं सुनिकै ये हिरिया की भा मन खुशी बनाफरराय॥
दिह्योअशर्फी दश मालिनिको औयहबोल्योवचनसुनाय ७७
सीधा लावो तुम लरिकनको भोजन बेगि पकावो जाय॥
दिना चारि यहि पुरमा रहिकै पाछे कूच देव करवाय ७८
बातैं सुनिकै ये ऊदन की मालिनि बैठि धाम में जाय॥
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आल्हखण्ड। २४६
