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आल्हखण्ड। ३९०
पूर बिवाह भयो लाखनि कों ह्याँते करों तरँगको अन्त॥
राम रमा मिलि दर्शन देवैं इच्छा यही भवानी कन्त ७४
इति श्रीलखनऊनिवासि (सी,आई,ई) मुंशीनवलकिशोरात्मजबाबूप्रयागनारायण
जीकी आज्ञानुसार उन्नामप्रदेशान्तर्गत पॅड़रीकलांनिवासि मिश्र
बंशोद्भवबुध कृपाशङ्करसूनु पण्डितललिताप्रसादकृत लाखनि
पाणिग्रहणबर्णनोनामद्वितीयस्तरंगः २॥
लाखनिरामाजीका बिवाह सम्पूर्ण॥
इति॥