पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/३९१

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२४ आल्हखण्डे । ३६० पूर विवाह भयो लाखनि कों ह्याँते करों. तरँगको अन्त ॥ राम रमा मिलि दर्शन देवें इच्छा यही भवानी कन्त ७४ इनि श्रीलखनऊनिवासि (सी,आई,ई) मुंशीनवलकिशोरात्मजवाबूषयागनारायण जीकी आज्ञानुसार उन्नामप्रदेशान्तर्गत पॅडरीकलांनिवासि मिश्र बंशोद्भववुध कृपाशङ्करसूनु पण्डितललिताप्रसादकृत लाखनि पाणिग्रहणवर्णनोनामद्वितीयस्तरंगः २॥ लाखनिरामाजीका विवाह सम्पूर्ण ।। इति॥