रेशम रस्सन सों कसिकै फिरि साँखों सीढ़ी दीन लगाय॥
बारह कलशन की अम्बारी तिनपर धरी तुरतही जाय २२
घण्टा बांधे तिन के गर माँ क्षत्री होन लागि असवार॥
भूरी हथिनी लखराना की सोऊ बेगि भई तय्यार २३
चन्दन सीढ़ी तामें लागी वामें लाखनि भये सवार॥
हाथी सजिगा जब आल्हा का हाथ म लई ढाल तरवार २४
मनमाँ सुमिर्यो जगदम्बा का अम्बा लाज तुम्हारे हाथ॥
बैठ्यो हाथी पर आल्हा जब नायो रामचन्द्र को माथ २५
हथी चढ़ैया हाथिन चढ़िगे छोड़न होन लागि असवार॥
घोड़ बेंदुला की पीठी पर चदिगो द्यावलिकर कुमार २६
घोड़ पपीहा मोहबे वालो तापर जोगा भयो सवार॥
हंसामनि घोड़ा के ऊपर इन्दल आल्हा केर कुमार २७
घोड़ मनोहर पर देबा है भोगा सबजा पर असवार॥
या विधि सेना सब इकठौरी बारहलाख भई तय्यार २८
मारू डङ्का बाजन लागे घूमन लागे लाल निशान॥
क्वऊ नालकिन क्वऊ पालकिन कोऊ चढ़े साँड़िया ज्वान २९
आगे हलका है हाथिन का बलका तिनके नाहिं ठिकान॥
घण्टा बाजैं गल हाथिन के जहँ सुनिपरैबात नहिंकान ३०
चिघरति हाथी आगे चलि भे पाछे घोड़न चली कतार॥
सरपट घोड़ा कोउ दउरावै कावा देवै कोऊ सवार ३१
कोउ मन पावै असवारे का तौ असमान पहूँचै जाय॥
कोउ कोउ घोड़ा हंस चालपर कोउकोउमोरचालपरजाय ३२
खर खर खर खर के रथ दौरैं चह चह रहीं धुरी चिल्लाय॥
छायअँधेरिया गै दशहूदिशि आपनपरै न हाथ दिखाय ३३
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आल्हखण्ड। ३९४
