पहिया रथके रथमाँ भिड़िगे घोड़न भिड़ी रान में रान॥
भाला छूटे असवारन के मारैं एक एक को ज्वान ७०
ऊँट चढ़ैया ऊँटन भिड़िगे पैदर चलन लागि तलवारि॥
भुजा औ छाती में हनि मारैं क्वउशिर काटिदेइँ भुइँडारि ७१
बड़ी लड़ाई भै क्षत्रिन कै नदिया बही रकत की धार॥
लड़ि लड़ि हाथी तामें गिरिगे छोटे द्वीपन के अनुहार ७२
छुरी कटारी मछली जानो ढालैं कछुवा मनो अपार॥
कटि कटि बार बहैं शूरन के जस नदियामाँ बहै सिवार ७३
भुजा छत्तिरिन के ग्वाहै जस ऊँटन बँधिगे नदी कगार॥
बिना पैरके बहैं बछेड़ा मानों घूमैं मगर अपार ७४
बिना मूड़ के क्षत्री बहि बहि छोटीडोंगिया सम उतरायँ॥
गिद्ध काग सब तिन पर सो हैं मानों जल बिहारको जायँ ७५
नचैं योगिनी खप्पर भरि भरि मज्जैं भूत प्रेत वैताल॥
कुत्तन गरमा ऑतनमाला स्यारनसबनकीन मुहँलाल ७६
त्यही समइया त्यहिअवसर माँ यहु द्यावलिको राजकुमार॥
गरूई हाँकन सों ललकारै मारै भुजा ताकि तलवार ७७
द्दबवा ब्वालै तब ऊदन ते ऊदन सुनिल्यो कानलगाय॥
भागे क्षत्रिन का मार्यो ना नहिं सब क्षत्रीधर्म नशाय ७८
हाथ सिपाहिन पर डार्यो ना जब लग ढूँढ़ि मिलै सरदार॥
कउँधालपकनिबिजुलीचमकति आपौ खैंचिलीन तलवार ७९
देवा ऊदन के मारुन मा क्षत्री होन लागि खरिहान॥
हिरसिंह बिरसिंह दोऊ कोपे तिनहुनकीनघोरघमसान ८०
बड़ी लड़ाई भै विरिया माँ हमरे बूतकही ना जाय॥
जितने कायर रहैं फौजन माँ तर लोथिनके रहे लुकाय ८१
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आल्हखण्ड। ३९८
