ह्याला आवैं जब हाथिन के तब बिन मरे मौत ह्वैजाय॥
कोउ कोउ रोवैं महतारिन का कोउ२दुलहिनिकालुलु आँयँ ८२
कायर बिनवैं यह सुर्य्यन सों बाबा आजु अस्त ह्वइजाउ॥
राति अँधेरिया जो कै पाऊँ भागिकैतीसकोसघरजाउँ ८३
माठा रोटी घरमाँ खावैं आपनि भैंसि चरावन जायँ॥
ऐसि नौकरी हम करि हैं ना कण्डा बेंचि शहरमाखायँ ८४
त्यही समइया त्यहि अवसर माँ हिरसिंह बोल्यो भुजाउठाय॥
बनते कन्या धरि आईती त्यहिके अहिउ बनाफरराय ८५
अहिउ टुकरहा परि मालिक के औ चंदेले केर गुलाम॥
जाति गुलामन की हीनी है तुम्हरो नहीं लड़ैको काम ८६
यह कहिभाला नागदवनिको दूनो अँगुरिन लीनउठाय॥
दूनो अँगुरिन भाला तौलै काली नाग ऐस मन्नाय ८७
तारा टूटैं आसमान ते औ हिरगास भुईं ना जायँ॥
छूटिग भाला जो हाथे ते कम्मर मचा ठनाका आय ८८
तरेते कटिगा यह मछरीबँद ऊपर कटिगा कुलाकबार॥
बचा दुलरुवा द्यावलि वाला ज्यहिका राखिलीनकर्त्तार ८९
औ ललकाराफिरि हिरसिंहको ठाकुर खबरदार ह्वैजाउ॥
दूधु लरिकई मा पायो ना तुम्हरे मरे चढ़ै ना घाउ ९०
वार हमारी सों बचिजायो घरमाँ छठी धरायो जाय॥
गर्दन ठोंक्यौ फिरि बेंदुल के हौदा उपर पहूंचो धाय ९१
ढालकी औझरिसों हनिमारा हिरसिंह गिरयो मूर्च्छाखाय॥
तव फिरि बिरसिंहने ललकारा ऊदन खवरदार ह्वैजाय ९२
भाला बरछिन को बहुमारा ऊदन लीन्ह्यो वार बचाय॥
ताकिकै मारा फिर बिरसिंह को सोऊ गिरा मूर्च्छा खाय ९३
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गाँजरकीलड़ाई। ३९९
