सुनिकै बातैं ये माहिल की करिया चरणन शीश नवाय॥
बिदा माँगिकै फिरि माहिलसों तम्बू तुरत पहूंचा आय ३३
हुकुम लगायो सब क्षत्रिनको ह्याँते कूच देव करवाय॥
करो तयारी अब मोहबे की सीताराम चरणको ध्याय ३४
सुनिकै बातैं ये करिया की क्षत्री सबै भये हुशियार॥
हथी चढ़ैया हाथिन चढ़िगे बाँके घोड़न भे असबार ३५
कूच के डंका बाजन लागे घूमन लागे लाल निशान॥
चलिभो करिया फिरि मोहबेको मनमें किहे गंगको ध्यान ३६
त्यही समइया की बातैं हैं यारो सुनिल्यो कान लगाय॥
चारो भाई हैं बकसर के जिनका कही बनाफरराय ३७
रहिमले टोंडर बच्छराज औ चौथे देशराज महराज॥
मीराताल्हन हैं बनरस के जिनकेनौलड़िकाशिरताज३८
अली अलोमत औ दरियाखां बेटा जानबेग सुल्तान॥
मियांबिसारत औ दरियाई नाहर कारे औ कल्यान ३९
कारे बाना करे निशाना कारे घोड़न पर असवार॥
चीरा शिर पर है सुलतानी मीराताल्हन केर कुमार ४०
ये सब मिलिकै यकठौरी ह्वै डाँड़ पै किहेनि बखेड़ाजाय॥
जयचँद केरी तहँ ठकुरी है जिनका कही कनौजीराय ४१
सब फिरियादी गे कनउज को पहुँचे नगर महोबा जाय॥
नगर महोबा सों कनउज को रस्ता सीध निकरिगै भाय ४२
यक हरिकारा सों पूँछत भे चारों भई चारों भई बनाफरराय॥
जावा चाहैं हम कनउज को जहँपै रहे चँदेलोराय ४३
सुनिकै बातैं इन चारों की सोऊ कहा वचन हर्षाय॥
कौने मतलब को जावतहौ हमते सत्य देव बतलाय ४४
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महोवेका प्रथमयुद्ध।
