पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/४८६

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आल्हाकामनावन। ४८५ लाखनि राना इत हाथी पर वैसी परहुल का सरदार ॥ भाला छूटे असवारन के पैदलचलनलागितलवार२४७ मुके सिपाही दुहुँ तरफा के लागे करन भडाभड़ मार ॥ मुंडन केरे मुड़चौरा मे नौ रुण्डनके लगे पहार २४८ बड़ी लड़ाई में परहुल में लाखनि राना के मैदान । लड़ें सिपाही दुहुँ तरफा के कटि २ गिरसुघरुवावान२४९ उठि उठि ठाकुर लरें खेत में कहुँ कहुँ रुण्ड करें तलवार ।। मारे मारे तलवारिन के नदिया वही रक्तकी धार २५० जैसे भेड़िन भेड़हा पैठे जैसे अहिर विडार गाय ॥ तैसे मारें ऊदन मकर ठाकुर सिंहाफौजगई विललाय २५१ भागी फौजै जब परहुल की लाखनि हाथी दीन बढ़ाय ॥ लाखनिराना के मुर्चा मा सिंहा आए पहूँचा आय २५२ ह्दि लपेटा हाथी भिडिगे दोऊ लड़न लागि सरदार ।। सिंहा मारखो तलवारी को लाखनिलीन ढालपरवार २५३ भाला माल्यो लखराना ने नीचे गिरा महाउत आय। बलछी मारा सिंहा ठाकुर लाखनि लैगे वारवचाय २५४ बाली वार परी सिंहा की लाखनि तुरत लीन बँधवाय ।। जायकै पहुँचे फिरि परहुल मा तुरतै दिया दीन गिरवाय २५५ लेकै फौजे सिंहा ठाकुर संगै कूच दीन करवाय ।। कोस अदाई कुड़हरि रहिगा डेरा तहाँ दीन डरवाय २५६ भेने बोल्यो परिमालिक का मानो कही . बनाफरराय ॥ गंगा ठाकुर कुड़हरि वाला कोड़ा घोड़ा लीन चुराय २५७ सवा लाख का सो कोड़ा है जो बनववा रजापरिमाल ।। महामुशकिलिन घोड़ा दीन्यो कोड़ानहींदीनत्यहिकाल२५८