इतना सुनिकै सुभिया बेड़िनि तुरतै उठी तड़ाका धाय ८३
सहुवा बीरन को बुलवावा औ सब हाल दीन बतलाय ॥
करो तयारी समरभूमि की आये लड़न बनाफरराय ८४
खबरि फैलिगै यह बेड़ियन-मा ह्वैगे डेढ़ सहस तय्यार ।।
झीलम बखतर सबहिन पहिरा सबहिन बाँधिलीन हथियार ८५
कोउ कोउ बेड़िया चढ़ि हाथिन मा कोउ कोउ घोड़भये असवार ।।
बहुतक बेड़िया हैं पैदल मा लीन्हे हाथ ढाल तलवार ८६
गड़िगा तम्बू ह्याँ आल्हा का भारी ध्वजा रहा फहराय ॥
बाजै डंका अहतंका का हाहाकार शब्दका छाय ८७
देवा ऊदन इन्दल ठाकुर तीनों भये बेगि तय्यार ॥
हथी चढ़ैया हाथिन चढ़िगे बाँके घोड़न भे असवार ८८
दुहुँ दल तुरतै इकठौरी भे लागी चलन तहाँ तलवार ।।
कहुँ कहुँ भाला कहुँ कहुँ बरछी कहुँ कहुँ मारैं ज्वान कटार ८९
कटि भुजदण्डै गिरे खेत में उठि उठि रुण्ड करैं तलवार ।
मुण्डन केरे मुड़चौरा भे औ रुण्डन के लगे पहार ९०
मारे मारे तलवारिन के नदिया बही रक्त की धार ।
ना मुहँ फेरै मोहवे वाले नादलबेड़ियनकात्यहिबार ९१
बड़े लड़ैया ई बेड़िया हैं इनते हारिगयी तलवार ॥
को गति वरणे तहँ इन्दल के सबदि शिकरै भड़ा भड़ मार ९२
सुनवाँ सुभिया के बरणी में जादुन द्वऊ बड़ी हुशियार॥
आनी पानी अरु आँधी की पुरियन होय तहाँपर मार ९३
चले सिरोही रणमण्डल मा क्षत्री गरू करैं ललकार ॥
कऊँ बाल पकनि बिजली चमकनि तड़पै चहुँदिशा तलवार ९४
यत्री गाजैं डंका बाजैं छाजैं तहाँ शूर सरदार ॥
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उदयसिंह का हरण । ५२५
