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पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/५३०

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अथ आल्हखण्ड॥

बेला के गौने का प्रथम युद्ध वर्णन॥


सवैया ॥

व्याकुल गंध्रव नागसबै नरदेव अदेव लहे दुखभारा।
गोतनु धारि गयी पिरथी अरथी सँग देवन लै त्यहिबारा॥
वाणि भई तबहीं नभते ललिते अवधेशके होब कुमारा।
ध्यावतं ब्रह्म सुरासुर जाहि स्वई प्रभु राम लियो अवतारा १

सुमिरन।।


दोउ पद बन्दीं रामचन्द्र के जिनबल चलाजाउँ भवपार ॥
राम न होते जो दुनियामा बेड़ा कौन लगावत पार १
कौन समुन्दर को मथिढारत चौदारतन लेत निकराय ॥
कोधों मारत दशकन्धर को धारत कौन धर्मपथ आय २
कोधों तारत इनपापिन को जिनकी दशा कही ना जाय ।।
नाग मारा कहि तरिगे जो पापी बालमीकि असभाय ३
गीपअजमिलगतिगणिकाकी सबको बिदित भली बिधि आय।।