पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/५३०

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अथ पाल्हखण्ड॥ बेलाकेगोनेकाप्रथमयुद्धवर्णन॥ <3 सवैया ॥ व्याकुल गंध्रव नागसबै नरदेव अदेव लहे. दुखभारा। गौतनु धारि गयी पिरथी अरथी सँग देवन लै त्यहिबारा॥ वाणि भई तवहीं नभते ललिते अवधेशके होव कुमारा। ध्यावतं ब्रह्म सुरासुर जाहि स्वई प्रभु राम लियो अवतारा १ मुमिरन।। दोउ पद बन्दी रामचन्द्र के जिनवल चलाजाउँ भवपार॥ राम न होते जो दुनियामा बेड़ा कौन लगावत पार १ कौन समुन्दर को मथिदास्त चोदास्तन लेत निकराय ॥ धारत कोन धर्मपथ प्राय २ कोषों तारत इनपापिन को जिनकीदशाकही ना जाय। नाग मारा कहि तरिगे जो पापी बालमीकि असभाय ३ गीपप्रजामिलगतिगणिकाकी सबकोविदितमलीविधिआय।। कोषों मारत दशकन्धर को