पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/५३८

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बेलाकेगोनेकाप्रथमयुद्ध । ५३७ गाफिल देखें जब ब्रह्मा का तवहीं कैदलय करवाय ।। इतना सुनि के ताहर बोले सम्मत नीक नहीं यह भाय ८२ रूप जनाना हम करिये ना चहुतनधजीधजी उडिजाय॥ कीरति जैहै सब दुनिया ते औ रजपूती धर्म नशाय ८३ इतना सुनिकै चौड़ा बोला हम बनिजाब जनानाभाय । विना वयारी जूना टूटै ओ बिन औपध बहै वलायम४ साम दाम औ दण्ड भेद सों नितप्रति चतुरकरतहैं काम ।। मोहिं पियारी यह कीरति है जीत शत्रु होय जगनाम ८५ मुनिक बातें ये चौंडा की. बोला पृथीराज चौहान ।। स्यावसिस्यावसि चौड़ावकशी तुम्हरे वचन मोहिं परमान ८६ सुनी पिथौरा की बातें ये चौड़ा चला तड़ाका धाय॥ जायकै पहुँच्यो रंगमहल में सबियाँ जेवर लीन मँगाय ८७ अनवट विछिया पायन पहिरे पहिरे कूड़ा छड़ा त्यहिबार ।। धरि पकपान दऊ पैरन मा त्यहिपर पायजेब झनकार ८६ कण्ठम पहिरि मोतियनहार ॥ बाजू जोसन चाँधि बजुल्ला दोऊ भुजन कीन शृंगार ८६ बनी पचेला पहुँची ककना दूनों हाथन करें वहार ।। आउ अँगुरियन छल्ला पहिरे अँगुठा लीन आरसीधार ६० चुरियाँ पहिरी दउ हाथन मा तिनविच लीन पनरियाडार ।। नथुनी लटकन वेसरि पहिरी कानन करनफूल शृङ्गार ६१ चंदा धास्यो फिरि माथे मा बँदियाँ शिरपर करें वहार ॥ चौड़ा बना जनाना यार ६२ चोलीचन्द लीन कसवाय ।। पारी सारी काशमीर की शोभा कही वृत ना जाय ६३ किकिणि पहिरी करिहायें मा मिस्सी गरी सब दाँतन मा सिवा आंध धरि बातीमा