गाफिल देखैं जब ब्रह्मा का तबहीं कैदलेयँ करवाय ।।
इतना सुनि कै ताहर बोले सम्मत नीक नहीं यह भाय ८२
रूप जनाना हम करिबे ना चहु तन धजीधजी उड़िजाय ॥
कीरति जैहै सब दुनिया ते औ रजपूती धर्म नशाय ८३
इतना सुनिकै चौड़ा बोला हम बनिजाब जनानाभाय ।।
बिना बयारी जूना टूटै ओ बिन औपध बहै बलाय ८४
साम दाम औ दण्ड भेद सों नितप्रति चतुर करत हैं काम ।।
मोहिं पियारी यह कीरति है जीतैं शत्रु होय जगनाम ८५
सुनिकै बातैं ये चौंडा की बोला पृथीराज चौहान ।।
स्यावसि स्यावसि चौड़ा बकशी तुम्हरे वचन मोहिं परमान ८६
सुनी पिथौरा की बातैं ये चौड़ा चला तड़ाका धाय॥
जायकै पहुँच्यो रंगमहल में सबियाँ जेवर लीन मँगाय ८७
अनवट बिछिया पायन पहिरे पहिरे कड़ा छड़ा त्यहिबार ।।
धरि पकपान द्वऊ पैरन मा त्यहिपर पायजेब झनकार ८८
किंकिणि पहिरी करिहायें मा कण्ठम पहिरि मोतियनहार ॥
बाजू जोसन बाँधि बजुल्ला दोऊ भुजन कीन शृंगार ८९
छनी पछेला पहुँची ककना दूनों हाथन करैं बहार ।।
आठ अँगुरियन छल्ला पहिरे अँगुठा लीन आरसीधार ९०
चुरियाँ पहिरी द्वउ हाथन मा तिनबिच लीन पनरियाडार ।।
नथुनी लटकन बेसरि पहिरी कानन करनफूल शृङ्गार ९१
बेंदा धारयो फिरि माथे मा बँदियाँ शिरपर करैं बहार ॥
मिस्सी रगरी सब दाँतन मा चौड़ा बना जनाना यार ९२
सिवा औंधे धरि छाती मा चोलीबन्द लीन कसवाय ।।
पाहिरी सारी काशमीर की शोभा कही वूत ना जाय ९३
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बेला के गौने का प्रथम युद्ध । ५३७
