कारो बाना कार निशाना सब कोउ करैं आज सरदार ३३
बनै गँजरिहा सबदल हमरो दिल्ली हेतु होय तय्यार ।।
मैं अब जावत हौं तहँना पर जहँना कनउज के सरदार ३४
इतना कहिकै ऊदन चलिभे तम्बुन फेरि पहूँचे आय ।। ॥
सम्मत करिकै लखराना सों उत्तर पत्र दीन पठवाय ३५
लाखनि ऊदन मिलि आल्हाते फौजै तुरत लीन सजवाय ।।
भई तयारी फिरि दिल्ली की लश्कर कूच दीन करवाय ३६
पाँच सात दिन के अरसा मा दिल्ली शहर गये नगच्याय ।।
दिल्ली केरे फिरि डाँडे़मा परिगे जाय कनौजीराय ३७
चौड़ा बकशी त्यहि समयामा तम्बुन पास पहूँचा आय ॥
मिले बनाफर तहँ ऊदन जब पूँछन लाग चौंड़ियाराय ३८.
कहाँ ते आयो ओ कहँ जैहौ आपन हाल देउ बतलाय ।।
सुनिकै बातैं ये चौड़ा की बोला तुरत बनाफरराय ३९
हिरसिंह बिरसिंह हम विरियाके गाँजर देश हमारो जान ।।
सुनी नौकरी घर बेलाके आयन करन स्वई हम ज्वान ४०
इतना सुनिकै चौड़ा बोला ठाकर बचन करो परमान ।।
काह दरमहा तुम चाहत हो हमते सत्य बतावो ज्वान ४१
हम बतलावैं दिल्लीपतिका नौकर तुम्हैं देयँ कवाय ।।
करो नौकरी जो औरत की तौ रजपूती धर्म नशाय ४२
इतना सुनिकै ऊदन बोले नाहर साँच देयँ बतलाय ।।
एकलाख ते कम नहिं लेवैं यहु नितखर्च हमारो आय ४३
देय महीना तीसलाख को ताकी करैं नौकरी भाय ।।
बारह बरसै हमते लरिकै जयचँद कूचदीन करवाय ४४
दीन न पैसा हम कनउज का सो यश रहा जगत में छाय ।।
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बेला के गौने का द्वितीय युद्ध । ५४७
