पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/५६५

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माल्हखण्ड। ५६४ चेलारानी के गाने की पूरण भई दूसरी गाथ २३४ पूरि तरंग यहाँ सों हँगै तव पद सुमिरि भवानीकन्त ।। राम रमा मिलि दर्शन देबें इच्छायही मोरि भगवन्त २३५ इति श्रीलखनऊनिवासि (सी,आई,ई) मुंशीनवलकिशोरात्मजवाबूप्रयागनारायण नीकीआज्ञानुसारउन्नामप्रदेशान्तर्गतपड़रीकलानिवासि मिश्रवंशोद्भव बुधकृपाशङ्करसूनु पण्डितललिताप्रसादकृत बेलागमन द्वितीययुद्धवर्णनोनामप्रथमस्तरंग: १ ।। बेलागानद्वितीय युद्धसमाप्ठ॥ इति ।।