पृष्ठ:आवारागर्द.djvu/१२२

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स्थायी ग्राहक नियम ! १ कोई भी हिन्दी प्रेमी पाठक या पुस्तकालय १) भेज कर प्रभात-प्रकाशन के स्थायी ग्राहक बन सकते हैं पुस्तकालय का पहला आर्डर ४०) का होनेपर उनसे १)फीस का न लिया जायगा। २ स्थायी ग्राहक को हम अपनी प्रकाशित पुस्तकों तथा छात्र हितकारी पुस्तक माला, गगा पुस्तक माला, विद्या भास्कर बुक डिपो प्रकाशन पर [चार आने रुपया] तथा प्रचारित पुस्तकों पर तीन आने रुपया एव अन्य हिन्दुस्तान भर की हिन्दी की जनरल पुस्तकों पर डेढ़ आना प्रति रुपया और कोर्स की पुस्तकों पर दो पैसा प्रति रुपया कमीशन देंगे। ३. स्थायी ग्राहक के आर्डर का २५) का माल होने पर सवारी गाड़ी का किराया हम देंगे। परन्तु डाक से मगाने पर , खर्च उन्हें ही देना होगा। ४, स्थायी ग्राहकों को हम प्रति मास में हिन्दी की नई प्रकाशित होने वाली पुस्तकों की सूचना प्रति मास दे देगे। जिससे उनका ज्ञान सर्वदा ताजा रहे। ५ स्थायी ग्राहक को वर्ष भर में ५) की हमारी प्रकाशित पुस्तकं खरीदनी आवश्यक है। ६. २०) से ऊपर के आर्डर के साथ ५) पेशगी आना आवश्यक हैं । अन्यथा आर्डर पर ध्यान न दिया जायगा। ७. पुस्तकों की कमी और युद्ध जनित कठिनाइयों के कारण हम प्रत्येक प्रकाशक की सिर्फ प्राप्त पुस्तके हो भेजेंगे नोट-साधारण ग्राहक को हम स्थायी ग्राहक नियम नम्बर दो का आधा कमीशन देगे, पर व्यर्थ की लिग्या पढ़ी से बचने के लिए पेशगी अवश्य भेजना चाहिए । पुस्तक सूचीपत्र लिखकर मगायें। ।