पृष्ठ:आवारागर्द.djvu/३०

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डाक्टर साहब की घड़ी लम्बा-चौड़ा डील-डौल, साढ़े तेरह इञ्च की बड़ी मछे मोटी और भरी हुई भौहें, तेज नुकीली नाक और मर्मभेदिनी दृष्टि असा- धारण हैं । छोटे से बड़े तक पर उनका रुआब है, पर वे छोटे-बड़े सव पर प्रेम-भाव रखते हैं। वे वास्तव में एक सहृदय और दयावान् पुरुप है , भाग्यवान् भी कहना चाहिये । उनका जीवन सदा मजे मे कटा और अब भी मजे मे ही कट रहा है । वे सब प्रकार के शोक, सन्ताप, चिन्ता और वेदना से मुक्त आनन्दी पुरुष की भॉति रहते है । बूढे भी उनके दोस्त है और जवान भी ; बालक भी दोस्त है । अपने पास आते ही वे सव को निर्भय कर देते है , ऐसा ही उनका सरल स्वभाव है । हॉ, तो मै यह कह रहा था कि उन्होने वडे-बडे मार्के के इलाज किये है और बडे-बड़े इनाम इकराम और भेटे प्राप्त की हैं और इनाम और भेटो की ये सब अनोखी चीजे उनके ड्राइग- रूम मे सजी हुई है। वडी-बड़ी शेरो और चीतलों की खाले, मगर के ढॉचे, असाधारण लम्वे पशुओ के सीग, बहूमूल्य कालीन, अलभ्य कारीगरी की चीजे, दुर्लभ चित्र और भारी-भारी मूल्य की रत्न-जटित अंगूठियाँ, पिने और कलम । परन्तु इन सब में अधिक आश्चर्यजनक और बहुमूल्य वस्तु एक बड़ी है । यह घड़ी उन्हें एक इलाज के सिलसिले मे नेपाल जाने पर वहाँ के दरबार से मिली थी। इसका आकार एक वडे नींबू के समान है और यह नींबू के ही समान गोल है । उसमे कही भी घण्टे या मिनट की सुई नही, न अक ही अंकित है। सारी घड़ी कीमती प्लाटिनय की महीन कारीगरी से कटी बूटियों से परिपूर्ण है। और उसमे उज्ज्वल असल ब्रेजील के हीरे जड़े है। सिर्फ दो हीरे, जो सब से बड़े हैं और जिनमे एक बहुत हलकी नीली आभा झलकती है, ऐसे मनोमोहक और कीमती हैं कि उन्हीं से एक छोटी-मोटी रियासत खरीद ली जा सकती है। उनमे जो बड़ा और तेजस्वी